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जीवन के अंत तक की देखभाल के लिए नियोजन

जब इलाज अब काम नहीं कर रहा हो और इलाज की संभावना नहीं हो, तो देखभाल के लक्ष्य बदल जाते हैं।

जीवन के अंत तक की देखभाल में बदलाव के लिए योजना बनाना, रोगी और परिवार के लिए लक्षणों को प्रबंधित करने, विचारपूर्ण निर्णय लेने, तथा जीवन शैली पर ध्यान देने के लिए महत्वपूर्ण है।

सूर्यास्त को देखते हुए नदी के किनारे एक बेंच पर बैठा परिवार

कैंसर यात्रा के अंतिम चरणों पर पहुंचने के सटीक पथ को जानना असंभव है। समय से पहले योजना बनाना भय और अनिश्चितता को कम कर सकता है।

दर्द और लक्षण प्रबंधन

बचपन में होने वाले कैंसर देखभाल के हर स्तर में आराम महत्वपूर्ण होता है। जीवन के अंत के दौरान तक के सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अत्यधिक थकावट और जल्दी थक जाना
  • भावनात्मक पीड़ा जैसे अवसाद, चिंता और चिड़चिड़ापन
  • जी मिचलाना और/या उल्टी होना
  • भूख न लगना
  • वजन घटना
  • नींद की समस्याएँ
  • श्वास लेने, हृदय गति दर या रक्त चाप में परिवर्तन
  • पेशाब कम आना
  • कब्ज या दस्त
  • आंत या मूत्राशय पर नियंत्रण खोना
  • बुखार
  • दौरे पड़ना
  • मानसिक क्रिया में संभ्रम की स्थिति या अन्य परिवर्तन होना

जीवन के अंत तक की देखभाल के दौरान दर्द और लक्षणों को प्रबंधित करने में प्रशामक देखभाल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। प्रत्येक स्थिति अलग होती है, लेकिन बच्चे को आरामदायक स्थिति में रखने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जा सकता है। चिकित्सक दवाइयों, प्रशामक उपचारों या अतिरिक्त चिकित्साओं की सलाह दे सकते हैं।

प्रशामक देखभाल टीम अपना विस्तार कर स्वास्थ्य पेशेवर व्यक्तियों को शामिल कर सकती है जो बच्चे और परिवार दोनों की सहायता कर सकते हैं। एक बहु-विषयक टीम में जीवन के अंत तक की देखभाल के दौरान विशिष्ट ज़रूरतों को संबोधित करने के लिए मनोविज्ञानी (साइकोलॉजिस्ट), शिशु जीवन, आध्यात्मिक देखभाल, सामाजिक कार्य और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं।

अग्रिम देखभाल नियोजन

कैंसर यात्रा के अंतिम चरणों पर पहुंचने के सटीक पथ को जानना असंभव है। हालांकि, समय से पहले योजना बनाना भय और अनिश्चितता को कम कर सकता है। यह परिवारों को अपनी प्राथमिकताओं और मूल्यों के अनुरूप निर्णय लेने का समय देता है। प्रशामक देखभाल विशेषज्ञ परिवारों को विभिन्न परिदृश्यों के लिए तैयार कर सकते हैं। ईमानदार और स्पष्ट बातचीत परिवारों को निर्णयों को व देखभाल के विकल्पों को तथा संबंधित लाभों और ज़िम्मेदारियों के बोझ को समझने में मदद करती है।

जीवन के अंत तक की देखभाल के दौरान, इन दो मुख्य कारणों के लिए चिकित्सीय प्रक्रियाओं पर विचार किया जा सकता है:

  1. जीवनकाल बढ़ाने के लिए एक इलाज के रूप में
  2. आराम प्रदान करने के लिए एक इलाज के रूप में

जीवन के अंत तक की देखभाल के दौरान चिकित्सीय इलाजों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • ट्यूमर के कारण होने वाले लक्षणों का इलाज करने के लिए सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी
  • संपूरक ऑक्सीजन या मैकेनिकल वेंटिलेशन के माध्यम से सहायक श्वसन
  • चिकित्सीय रूप से दिया गया पोषण (नली के माध्यम से खिलाना)
  • जलयोजन या हाइड्रेशन के लिए अंत:शिरा तरल पदार्थ
  • खून देना
  • संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक्स (जीवाणु नाशक दवाइयां)
  • दौरा पड़ने से रोकने के लिए दवाइयां
  • कीमोथेरेपी जिससे जीवनकाल बढ़ सकता है

प्रशामक देखभाल विशेषज्ञ जीवन के अंत तक की देखभाल से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों को समझने में परिवारों की मदद कर सकता है। परिवार एक ऐसा अंतिम निर्देश बनाने के लिए अपनी प्रशामक देखभाल टीम से परामर्श करना चाह सकते हैं, जो उनकी इच्छाओं का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करता हो। लिखित रूप में अनुरोध करने से देखभाल के लक्ष्यों का संचार करने में मदद मिल सकती है। लिखित आदेशों में डीएनआर और पीओएसटी प्रपत्र शामिल हैं।

  • “निष्प्राण व्यक्ति को पुन: होश में न लाएं/डू नॉट रिससिटेट” (डीएनआर) आदेश – डीएनआर आदेश एक प्राकृतिक मृत्यु की अनुमति देने का अनुरोध है। यदि बच्चे की सांस रुक जाती है या हृदय काम करना बंद कर देता है तो ऐसे में चिकित्सीय टीम सीपीआर की प्रक्रिया नहीं करेगी। परिवार, “सांस लेने में सहायता के लिए वायु-मार्ग में ट्यूब न डालें/डू नॉट इन्टुबेट” (डीएनआई) और/या “प्राकृतिक मृत्यु की अनुमति दें” (एएनडी) भी निर्दिष्ट कर सकते हैं। देखभाल टीम इनमें से प्रत्येक आदेश के बारे में विस्तार से समझा सकती है।
  • “इलाज के दायरे के लिए चिकित्सक/चिकित्सीय आदेश” (पीओएसटी/एमओएसटी) प्रपत्र – पीओएसटी प्रपत्र चिकित्सा देखभाल के लिए रोगी और परिवार की इच्छाओं का एक लिखित रिकॉर्ड होता है। यह प्रपत्र स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करता है। यह आवश्यक नहीं है, लेकिन यह परिवारों को देखभाल पर नियंत्रण दे सकता है और चिंता व अनिश्चितता को कम कर सकता है। रोगी की दशा में बदलाव आने पर इन पीओएसटी प्रपत्रों की समीक्षा की जानी चाहिए और परिवार किसी भी समय इनमें अपनी प्राथमिकताओं को बदल सकते हैं। पीओएसटी प्रपत्र में सामान्यत: निम्नलिखित संबंधी प्राथमिकताएं होती हैं:
    • सीपीआर
    • चिकित्सीय उपाय
    • एंटीबायोटिक या जीवाणु नाशक दवाइयां
    • कृत्रिम पोषण

इन योजनाओं को जीवन-रक्षक इलाज के लिए चिकित्सक/चिकित्सीय आदेश (पीओएलएसटी/ एमओएलएसटी) भी कहा जा सकता है।

जीवन के अंत तक की देखभाल के दौरान के निर्णयों के बारे में और अधिक पढ़ें:

जीवन के अंतिम दिनों को रोगी और परिवार की इच्छाओं के अनुसार जीने देना

प्रशामक देखभाल टीम, रोगी जीवन के अंत तक की देखभाल के दौरान संभव जीवन पूरी तरह से कैसे जी सकता है, इसके संबंध में विकल्पों का पता लगाने और प्राथमिकताओं की पहचान करने में परिवारों की सहायता कर सकती है। इन सुविधाओं में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • अंतिम दिनों में घर पर ही समय व्यतीत करना
  • मित्रों और प्रियजनों के साथ समय बिताना
  • किसी इच्छा या जीवन के लक्ष्य को पूरा करना
  • विशेष यादगार पलों का निर्माण करना

बच्चों और किशोरों को जीवन-के-अंत से सबंधित मुद्दों पर अपनी इच्छाओं को व्यक्त करने देना उनकी यात्रा के इस चरण के दौरान रोगियों और परिवारों के लिए एक बड़ा उपहार हो सकता है। ऐसे कुछ साधन हैं जो यह बताने में बच्चों की मदद करते हैं कि वे कैसे आराम पाना, समर्थन पाना, इलाज किया जाना और याद रखा जाना पसंद करते हैं।

वॉइसिंग माई च्वॉइसेज़ या अपनी पसंद बताना यह साधन बड़े बच्चों को इस बात पर अपने विचार व्यक्त करने की सुविधा देता है कि उनके दर्द का इलाज कैसे किया जाए, उनके लिए कौन सी आरामदेह सुविधाएं महत्वपूर्ण हैं और वे लोगों को कैसे अपने दु:ख से निपटने देना चाहते हैं।

कन्वर्सेशन प्रोजेक्ट स्टार्टर किट वह साधन है जो माता-पिता को अपने गंभीर रूप से बीमार बच्चे के साथ जीवन की अंतिम इच्छाओं के बारे में बात करने में मदद करता है। इस गाइड में अप्रत्यक्ष अभिव्यक्ति के संबंध में प्रश्न, बातचीत शुरू करने के उदाहरण, परिवारों से उद्धृत वाक्यांश और अतिरिक्त जानकारी के लिए संसाधन शामिल हैं।

ये संसाधन माता-पिता को अपने बच्चों के साथ जीवन-के-अंत से सबंधित विषयों पर चर्चा करने का एक आरंभिक स्थान प्रदान कर सकते हैं और प्रशामक देखभाल का मार्गदर्शन करने में मदद कर सकते हैं तथा अग्रिम देखभाल नियोजन के लिए दिशा प्रदान कर सकते हैं।

प्रशामक देखभाल की महत्ता

जीवन के अंत तक की देखभाल के दौरान प्रशामक देखभाल विशेषज्ञ के साथ कार्य करने से परिवारों को तत्काल और दीर्घकालिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। प्रशामक देखभाल परिवारों की मदद करती है

  • कठिन बातचीत में मार्गनिर्देशन करती है
  • विकल्पों को समझ कर विचारपूर्ण निर्णय लेती है
  • भावनात्मक रूप से उपस्थित रहती है और यादगार पल बनाने के अवसरों का निर्माण करती है
  • भावनात्मक और आध्यात्मिक ज़रूरतों को पूरा करती है
  • चिकित्सीय, वित्तीय और दैनिक समस्याओं का समाधान करने के लिए संसाधन ढूंढती है

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समीक्षा की गई: जून 2018